Poetry कबीर दास जी के दोहे Pallavi Verma Jun 13, 2024 माया मरी न मन मरा, मर-मर गए शरीर। आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास...
Poetry कबीर दास जी के दोहे Pallavi Verma Jun 7, 2024 मैं जानूँ मन मरि गया, मरि के हुआ भूत।प्रेमनगरी है दूर की, अब क्यूं बाँधे...