कबीर दास जी के दोहे
मैं जानूँ मन मरि गया, मरि के हुआ भूत।प्रेमनगरी है दूर की, अब क्यूं बाँधे...
मैं जानूँ मन मरि गया, मरि के हुआ भूत।प्रेमनगरी है दूर की, अब क्यूं बाँधे...
“In the middle of difficulty lies opportunity.” – Albert Einstein The challenge in my journey...